एमबीए चाय वाला प्रफ़ुल्ल बिल्लोरे
"कोई भी धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता "महज २२ सालकी उम्र में करोड़पति करति करति बन चुके है |
जब इनका एडमिशन आईआईएम अहमदाबाद में नहीं हो पाया तो ये मस डोनल्ड्स रेस्ट्रॉनॉट में काम करने लगे |कुछ दिन काम करने के बाद करने एक बाद इन्होंहेने सोचा की ऐसी कौन सी चीज़ है जो पुरे भारत को कनेक्ट करति है | तो उनोहने सोचा की क्यों न चाय का धंधा किया जाय जय फिर ये ४ साल तक लगातार काम बेचने के बाद ये आज यह एक ब्रांड बन चुके है| काफी यूथ का इनको सपोर्ट भी मिला है |
हमें भी इनके तरह ही बनाना होगा और यह कहते हुईहै की हमें किसी दूसरो का ब्रांड चुनने के शिवाय अपना खुद का ब्रांड बनाना चाहिये |
Tremendous skills of writing. Keep it up!
ReplyDeleteGood blog
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